गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

राजेन्द्र अवस्थी : काल चिँतन की शरण मेँ . श्रध्दाञ्जलि

कादम्बिनी के संपादन में काल चिँतन का बोध कराने मे निष्णात सुधी साहित्यकार राजेन्द अवस्थी काल के कराल हाथोँ छले गये । साहित्य तथा पत्रकारिता को उनका योगदान स्मरणीय रहेगा ।

श्रध्दाञ्जलि ।




क्या काल चिंतन को साहित्य माना जाएगा ?

कादम्बिनी की वर्तमान दशा देखकर आपको कैसा प्रतीत होता है ?


कादम्बिनी के संपादक -

रामानन्द दोषी
राजेन्द्र अवस्थी
कन्हैया लाल नंदन
मृणाल पाण्डेय

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