सोमवार, 22 मार्च 2010

अमर सिंह ने सोनिया और राहुल गाँधी की प्रशंसा की । इन्हे रास्ता चाहिए । दिगम्बर चाय को नाश्ता चाहिए ।



खण्डहर ने कहा
हम महलोँ के गुलाम है
एक महल से बाहर खदेड़े गये हैं
इस समय गुमनाम हैं ।
हमारे पीछे की भीड़
छट चुकी है ।
सत्ता की प्रेमिका भी
दूसरोँ से पट चुकी है ।
कैसे हो सकेगी
राज्य सभा मे वापसी ।
चरम सीमा पर है
दुश्मनी आपसी ।

अब हम राहुल सोनिया के
गीत गाएंगे ।
आवश्यकता पड़ी तो
कण्डे पर भी मक्खन
लगाएंगे ।
सोनिया जी इनका भला करे
ताकि गुमशुदा लोगोँ
की भी दुकान चला करे ।



भाई साहब ! इसी तरह
हाथ पैर मारिए ।
कहीँ न कहीँ तो सुधि
ली जाएगी
प्रशंसा के वचन उचारिए ।
कुर्सी बहुत कुछ करवाती है ।
आप कहते
यह ठकुरसोहाती है ।

4 टिप्‍पणियां:

झनकार ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
झनकार ने कहा…

ARUNESH JI AMAR SINGH KI TO APNE KHATIYA KHARI KAR DI BHAI WAH ! SADHUVAD

बेनामी ने कहा…

DADA MAZA AA GAYA AMAR SINHG KA BADHIYA POLITICAL MORTOM KA KA SAJIV CHITTRAN HAI. NISHCHIT ROOP SE EK SARAHNIYA..............

Saumya ने कहा…

too good....