शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010

व्यंग्य मे बड़ी दम है । साहित्य की माँग कम है ।

ब्लाँग लिखना अच्छा लगता है और उससे भी अधिक अच्छा लगता है अधिक से अधिक ब्लाँग पढ़ना । कितने मनीषी और सुधी रचनाकारोँ के रचना संसार से साक्षात्कार का सौभाग्य मिलता है ।
मजेदार तो यह है कि स्वयंभू भी मिले और भूलोक के सहज भी मिले । हमने व्यंग्य के स्थान पर भक्ति एवं श्रृंगार को ब्लाँगोन्मुख किया लेकिन उसकी माँग कम दिखी ।
व्यंग्य के पाठक भी अधिक हैं और टिपकर्त्ता भी लेकिन गालियाँ भी आशातीत मिलती हैं ; शब्दकोश की परिधि से परे ।

व्यस्त हैं
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देश
जनता
जनतन्त्र
इतिहास
भूगोल
पौरुष
पराक्रम
महापुरुष
प्रेरणाएँ
अस्त हैं ।
मानस
कलावन्त
वैज्ञानिक
सौन्दर्य
रचनाधर्मिता
साहित्य
संस्कृति
संगीत
सृजन
संत्रस्त हैं ।
सच्चरित्र पस्त हैं ।
दुश्चरित्र जबर्दस्त हैं ।
बुद्धिजीवी व्यस्त हैं ।
राजनेता अभ्यस्त हैं
इधर से उधर ।
वाह रे ! अधर ! !
अधर पर अधर ?

34 टिप्‍पणियां:

Satish Saxena ने कहा…

बहुत खूब अरुणेश भाई
यही स्थिति है ...मूर्ख विद्वानों को गालियाँ देते देखे जा सकते हैं ...
:-)

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

Great !!!

Saumya ने कहा…

Sir I always like your style....so much in so little words... aap jo kehna chahte hain wo seedhe dil-o-dimaag mein utar jaata hai!!!

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

शब्द-शब्द जबरदस्त, पंक्तियां मस्त हैं।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत दम है ...शब्द दर शब्द बहुत बढ़िया ..

Satish Saxena ने कहा…

अरुणेश भाई ,
आप अपना बैक ग्राउंड कलर बदल लें ...की हुई टिप्पणी दिखाई नहीं देती :-(

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

आपकी पोस्ट की चर्चा कल (18-12-2010 ) शनिवार के चर्चा मंच पर भी है ...अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव दे कर मार्गदर्शन करें ...आभार .

http://charchamanch.uchcharan.com/

अरुणेश मिश्र ने कहा…

श्री सतीश जी !
आपका सुझाव शिरोधार्य ।

अरुणेश मिश्र ने कहा…

आ0 संगीता जी !
चर्चा के लिए आपको धन्यवाद ।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

एक सशक्त रचना।

अनुपमा पाठक ने कहा…

शब्द शब्द में वृहद भाव समाये हुए
सुन्दर रचना!

Smart Indian ने कहा…

सच है!

Apanatva ने कहा…

bahut badiya rachana.......
aabhar.

Er. सत्यम शिवम ने कहा…

bhut hi badiya rachna.....

कडुवासच ने कहा…

... laajawaab rachanaa ... behatreen ... prasanshaneey !!!

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

aadarniy sir bahuthi shandar tareeke se aapne desh ki sthiti ka sahi sahi mulyankan kiya hai.
सच्चरित्र पस्त हैं ।
दुश्चरित्र जबर्दस्त हैं ।
बुद्धिजीवी व्यस्त हैं ।
राजनेता अभ्यस्त हैं
इधर से उधर ।
वाह रे ! अधर ! !
अधर पर अधर
bahut hi behatreen
poonam

Alokita Gupta ने कहा…

acha wyangy

वीरेंद्र सिंह ने कहा…

शानदार और वजनदार. आपको पढ़ना मेरे लिए ख़ुशकिस्मती की बात है।

nilesh mathur ने कहा…

बहुत खूब! वाह! क्या बात है, बहुत सुन्दर! बेहतरीन!

ZEAL ने कहा…

अरुणेश जी ,
जबरदस्त लिखा है आपने। मज़ा आ गया।
आभार।

RAJWANT RAJ ने कहा…

kya bat hai . vyngy teekha ho tbhi dgardar hota hai. aapki post is ksauti pr khri utrti hai .

मंजुला ने कहा…

बहुत बढिया....मेरे ब्लॉग तक आने के लिए धन्यवाद् ...हिंदी कभी ठीक से कभी सिखने का मौका नही मिला ...अभी कोशिश कर रही हूँ ..आपलोगों का सहयोग चाहती हूँ

Arvind Mishra ने कहा…

..कविताई मगर बड़ी मस्त है :)

JAGDISH BALI ने कहा…

very right u are. greatly done

ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने कहा…

दमदार अभिव्यक्ति है !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

Urmi ने कहा…

आपको एवं आपके परिवार को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !

dipayan ने कहा…

बहुत खूब अरुणेशजी, दमदार लेख ।

makrand ने कहा…

you got great sense of humor
i just read and feel the art to understand
makrand

shikha varshney ने कहा…

वाह वाह वाह और वाह.

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

आपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और से एक सुन्दर, सुखमय और समृद्ध नए साल की हार्दिक शुभकामना ! भगवान् से प्रार्थना है कि नया साल आप सबके लिए अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और शान्ति से परिपूर्ण हो !!

ज्योति सिंह ने कहा…

bahut hi badhiyaan ,sundar shabd ,nutan barsh mangalmaye ho aapko .

केवल राम ने कहा…

आदरणीय अरुणेश जी
सादर प्रणाम
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें

Dimple Maheshwari ने कहा…

जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें .....मेरी कविताओ पर टिप्पणी के लिए आपका आभार ...आगे भी इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहिएगा ..!!

Asha Joglekar ने कहा…

अरुणेस जी आपके ब्लॉग पर आकर एक नया अनुभव मिला । सुंदर व्यंग से साक्षात्कार हुआ ।