बुधवार, 12 मई 2010

वेश्या और नेता

वेश्यालय के
मकान नम्बर सात पर
लिखा था -
नेताओँ का प्रवेश
वर्जित ।
क्योंकि उनका धन
हमसे भी अधिक
गलत तरीके से
अर्जित ।

30 टिप्‍पणियां:

arvind ने कहा…

वेश्यालय के
मकान नम्बर सात पर
लिखा था -
नेताओँ का प्रवेश
वर्जित ।
क्योंकि उनका धन
हमसे भी अधिक
गलत तरीके से
अर्जित । .......poori baat sirf 2 sentence me. vah...aapki kalam me jaadu hai.

बेनामी ने कहा…

arunesh ji.
bahut khoob......,.
wah,.,,wah.,
netao ka yahi haal hai.

अर्चना तिवारी ने कहा…

गागर में सागर

nilesh mathur ने कहा…

वाह! बहुत ही सुन्दर तरीके से आपने नेताओं की पूल खोली है!

shikha varshney ने कहा…

wowwww superb...
2 panktiyon men sab kah dia aapne.

kunwarji's ने कहा…

gaagar me saagar wali hi to baat hai....

jabardast hai ji...

kunwar ji,

Anand ने कहा…

Safedi ke piche chupe kaale rang ko pahchaniye.

कडुवासच ने कहा…

....अदभुत भाव !!!

कविता रावत ने कहा…

Khari-khari suna di...
Yatharth chitran

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

bilkul 16 aane sach baath.

Subhash Rai ने कहा…

Aruneshji, bahut marak kavitayen. Kabhi
www.bat-bebat.blogspot.com
par aaiye. Kuchh rachnayen milengi.

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

करार कटाक्ष..!
धीरे-धीरे सभी कमरों पर लिखा मिल जायेगा.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

गजब की पंक्तियाँ....सच सोचते रह जाओगे...वाली स्थिति....

अरुण 'मिसिर' ने कहा…

अब इससे अधिक और
क्या कहा जा सकता
है, लेकिन इनको कुछ
शर्म आए तब ना ...

kshama ने कहा…

Veshya to kewal apna pet palneki sochti hai..neta to pata nahi kiti pushton ke liye dhan jodte hain!Puny(!)to wahi kamate hain!

माधव( Madhav) ने कहा…

सही कहा , पोल खोल दी


http://madhavrai.blogspot.com/

http://qsba.blogspot.com/

हर्षिता ने कहा…

बिल्कुल सही फरमाया आपने अच्छा व्यंग है।

माधव( Madhav) ने कहा…

thnx for comment on Madhav

http://madhavrai.blogspot.com/

http://qsba.blogspot.com/

jamos jhalla ने कहा…

सटीक कटाक्ष

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

Behtreen kataksh..BADHAI>>>>

alka mishra ने कहा…

बहुत सटीक व्यंग्य
मजा आ गया

कसाब वाले का भी जवाब नहीं
वह टीस तो अब भी कहीं छिल देती है

Ra ने कहा…

दो वाक्यों में ....बहुत गहरी बात ....लाजवाब

दिगम्बर नासवा ने कहा…

क्या बात है सर ... ये तो सेर पर सवा सेर लिखा है ... नेताओं को ज़रूर पढ़वाना चाहिए ....

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

बहुत खूब,
दो लाइने और जोड़ने की अनुमति चाहूंगा;
आदतन ये
उस चेतावनी का
मुह चिढा रहे थे !
एक-एक कर
बेशर्म फिर भी
घुसे जा रहे थे !!

hem pandey ने कहा…

कुछ भी कह लीजिये सब सुन लेंगे, इसी लिए वे नेता हैं.

M VERMA ने कहा…

क्या गलत लिखा था.

संजय @ मो सम कौन... ने कहा…

जनाब, मेरी टिप्पणी कहां गई?

खैर, बहुत सही लिखा है। लेकिन लिखा हुआ तो बहुत कुछ पहले भी रखा हुआ है, ये काम की चीज पढ़ते हैं बस।

बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति।

आभार।

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

acchi post
abhar

Prem Farukhabadi ने कहा…

Kamaal ka kataaksh.Badhai!!

shyam gupta ने कहा…

बहुत सुन्दर अगीत, अरुणेश जी बधाई. --गागर में सागर,अदभुत भाव, ही तो अगीत की विशेषता है.