वेश्यालय के
मकान नम्बर सात पर
लिखा था -
नेताओँ का प्रवेश
वर्जित ।
क्योंकि उनका धन
हमसे भी अधिक
गलत तरीके से
अर्जित ।
बुधवार, 12 मई 2010
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30 टिप्पणियां:
वेश्यालय के
मकान नम्बर सात पर
लिखा था -
नेताओँ का प्रवेश
वर्जित ।
क्योंकि उनका धन
हमसे भी अधिक
गलत तरीके से
अर्जित । .......poori baat sirf 2 sentence me. vah...aapki kalam me jaadu hai.
arunesh ji.
bahut khoob......,.
wah,.,,wah.,
netao ka yahi haal hai.
गागर में सागर
वाह! बहुत ही सुन्दर तरीके से आपने नेताओं की पूल खोली है!
wowwww superb...
2 panktiyon men sab kah dia aapne.
gaagar me saagar wali hi to baat hai....
jabardast hai ji...
kunwar ji,
Safedi ke piche chupe kaale rang ko pahchaniye.
....अदभुत भाव !!!
Khari-khari suna di...
Yatharth chitran
bilkul 16 aane sach baath.
Aruneshji, bahut marak kavitayen. Kabhi
www.bat-bebat.blogspot.com
par aaiye. Kuchh rachnayen milengi.
करार कटाक्ष..!
धीरे-धीरे सभी कमरों पर लिखा मिल जायेगा.
गजब की पंक्तियाँ....सच सोचते रह जाओगे...वाली स्थिति....
अब इससे अधिक और
क्या कहा जा सकता
है, लेकिन इनको कुछ
शर्म आए तब ना ...
Veshya to kewal apna pet palneki sochti hai..neta to pata nahi kiti pushton ke liye dhan jodte hain!Puny(!)to wahi kamate hain!
सही कहा , पोल खोल दी
http://madhavrai.blogspot.com/
http://qsba.blogspot.com/
बिल्कुल सही फरमाया आपने अच्छा व्यंग है।
thnx for comment on Madhav
http://madhavrai.blogspot.com/
http://qsba.blogspot.com/
सटीक कटाक्ष
Behtreen kataksh..BADHAI>>>>
बहुत सटीक व्यंग्य
मजा आ गया
कसाब वाले का भी जवाब नहीं
वह टीस तो अब भी कहीं छिल देती है
दो वाक्यों में ....बहुत गहरी बात ....लाजवाब
क्या बात है सर ... ये तो सेर पर सवा सेर लिखा है ... नेताओं को ज़रूर पढ़वाना चाहिए ....
बहुत खूब,
दो लाइने और जोड़ने की अनुमति चाहूंगा;
आदतन ये
उस चेतावनी का
मुह चिढा रहे थे !
एक-एक कर
बेशर्म फिर भी
घुसे जा रहे थे !!
कुछ भी कह लीजिये सब सुन लेंगे, इसी लिए वे नेता हैं.
क्या गलत लिखा था.
जनाब, मेरी टिप्पणी कहां गई?
खैर, बहुत सही लिखा है। लेकिन लिखा हुआ तो बहुत कुछ पहले भी रखा हुआ है, ये काम की चीज पढ़ते हैं बस।
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति।
आभार।
acchi post
abhar
Kamaal ka kataaksh.Badhai!!
बहुत सुन्दर अगीत, अरुणेश जी बधाई. --गागर में सागर,अदभुत भाव, ही तो अगीत की विशेषता है.
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