अपने देश मे
जनता : आम सड़क है ।
जनतंत्र : एक ट्रक है
जिस पर
पब्लिक कैरियर लिखा है
लेकिन पूँजीपतियों का
सामान भरा है ।
ब्रेक : चुनाव
एक्सीलेटर : उपचुनाव
चुँगी : मध्यावधि चुनाव
पंक्चर : इमर्जेन्सी
और हार्न
देश की प्रगति को
बताता है ।
सावधान !
घायल मत हो जाना
जनतंत्र का ट्रक
आता है ।
मंगलवार, 18 मई 2010
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29 टिप्पणियां:
वाह ....यही तो है लोकतंत्र ..
आपकी मान्यता पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
वाह क्या तुलना की है!
अच्छा व्यंग्य है लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर.
बधाई.
बहुत खूब :)
आपका धन्यवाद भी देना चाहूँगा मेरे ब्लॉग पर आने के लिए ...ऐसे ही आशीर्वाद बनाए रखें ....
वाह क्या रूपक प्रयोग किये हैं....जनतंत्र एक ट्रक है....बहुत बढ़िया प्रस्तुति
जनता सड़क नहीं, एक कच्चा रास्ता है.
जिसमे तभी नेता चलते, जब उन्हें चुनाव से वास्ता है.
जो हर बार इस रास्ते को, पक्का करने को कहते है.
इस झूठ को खुशी- खुशी हम, हर पांच साल में सहते है.
बाकी तो सब सही लिखा सर :-
Bade hi rochak dhang se samasyaon par aap rachnayen rachte hain.apka chintan aur manthan dono hi sarahneey hai.
Badhai!!
सावधान !
घायल मत हो जाना
जनतंत्र का ट्रक
आता है .......
Jantantra ko sateek paribhashit kiya hai aapne.... isse achhi paribhasha aur ho ni nahi sakti hai.....
Chitanprad rachna... soyee huye loktantra ko Jagane ka saarthak pryas...
Bahut dhanyavaad.
ब्रेक : चुनाव
एक्सीलेटर : उपचुनाव
चुँगी : मध्यावधि चुनाव
पंक्चर : इमर्जेन्सी
और हार्न
देश की प्रगति को
बताता है ।
सावधान !
घायल मत हो जाना
जनतंत्र का ट्रक
आता है । ........वाह ....
वाह, क्या करारी चोट मारी आपने अरुणेश सहाब, बहुत सटीक और जबरदस्त ! पढ़कर २ मिनट मैं हँसता ही रहा !
अरुणेश साहब, आनन्द आ गया।
सावधान रहना ही होगा।
आभार।
आधुनिक प्रतीकोँ से
खीँचा तथाकथित
लोकतन्त्र का व्यंगचित्र....वाह
क्या खीँचा है !
Namaskar Arunesh Bhai...
Kya upma di hai..
bacho, sambhlo, ki jantantr ka truck aata hai.. wah..
Deepak Shukla..
वाह!!!!!!!!!!! क्या जबरदस्त पोस्ट है सीधा व तीखा प्रहार
पर !!!!!!!!!!! इस खटारा को चलाने का लाइसेंस कहाँ से मिला ??????
बहुत बढ़िया रचना है ... अपने सही कहा है ...
और उसमे ये भी जोड़ लीजिए की उस ट्रक के नीचे आकर मरनेवाला हमारी प्रगति है !
ब्रेक : चुनाव
एक्सीलेटर : उपचुनाव
चुँगी : मध्यावधि चुनाव
पंक्चर : इमर्जेन्सी
और हार्न
देश की प्रगति को
बताता है ।
सावधान !
घायल मत हो जाना
जनतंत्र का ट्रक
आता है ..
वाह .. लाजवाब व्यंग है .. बहुत तेज़ है इसकी धार ...
kaphi vjni vyngy hai bdhai .
सावधान !
घायल मत हो जाना
जनतंत्र का ट्रक
आता है ।
savdhan hone ke bavjood kuchle jate hain!umda prastuti.
kavi arunesh ......
inka jab hua hoga kaya chetra me
pravesh ...
ek bhuchal aayaa hoga..
bhrastachariyo ke yehan andhkar chaya hoga...
kusangtiyon ne vilaap geet gaya hoga.
kathit shistachariyon ne apna band bajaya hoga...
khair ....mayen to unnehey janta hoon varso se..
kurte aur pajama vala yeh munda
baalu se tail nikalta hai.
bado bado ko ghass bas kavita ki dalta hai..
desh ko iski jarrorat hai..
hamerey liye to hamari samasyono ka purak hai.
arre waah kya khoob likha . badhaayi
kya hi achchha agr ye aandolit kr dene vali pnktiyan blog se aage ishtiharon ki shkl me bhi pdhi jaye .
बहुत सार्थक एवं विचारोत्तेजक कविता ...आभार.
________________________
'शब्द-शिखर' पर ब्लागिंग का 'जलजला'..जरा सोचिये !!
वाह ! बहुत खूब
बहुत बढ़िया प्रस्तुति..
आपका मेरे ब्लॉग पर आने के लिए बहुत- बहुत धन्यवाद |
बहुत ही सार्थक व्यंग्य रचना ...
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए, टिपण्णी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
wah wah..kya baat hai!!!
http://liberalflorence.blogspot.com/
http://sparkledaroma.blogspot.com/
bahut sundar......
CHREVATI CHAREVATI MAMAJI
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