ब्लाँग लिखना अच्छा लगता है और उससे भी अधिक अच्छा लगता है अधिक से अधिक ब्लाँग पढ़ना । कितने मनीषी और सुधी रचनाकारोँ के रचना संसार से साक्षात्कार का सौभाग्य मिलता है ।
मजेदार तो यह है कि स्वयंभू भी मिले और भूलोक के सहज भी मिले । हमने व्यंग्य के स्थान पर भक्ति एवं श्रृंगार को ब्लाँगोन्मुख किया लेकिन उसकी माँग कम दिखी ।
व्यंग्य के पाठक भी अधिक हैं और टिपकर्त्ता भी लेकिन गालियाँ भी आशातीत मिलती हैं ; शब्दकोश की परिधि से परे ।
व्यस्त हैं
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संत्रस्त हैं ।
सच्चरित्र पस्त हैं ।
दुश्चरित्र जबर्दस्त हैं ।
बुद्धिजीवी व्यस्त हैं ।
राजनेता अभ्यस्त हैं
इधर से उधर ।
वाह रे ! अधर ! !
अधर पर अधर ?
शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010
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34 टिप्पणियां:
बहुत खूब अरुणेश भाई
यही स्थिति है ...मूर्ख विद्वानों को गालियाँ देते देखे जा सकते हैं ...
:-)
Great !!!
Sir I always like your style....so much in so little words... aap jo kehna chahte hain wo seedhe dil-o-dimaag mein utar jaata hai!!!
शब्द-शब्द जबरदस्त, पंक्तियां मस्त हैं।
बहुत दम है ...शब्द दर शब्द बहुत बढ़िया ..
अरुणेश भाई ,
आप अपना बैक ग्राउंड कलर बदल लें ...की हुई टिप्पणी दिखाई नहीं देती :-(
आपकी पोस्ट की चर्चा कल (18-12-2010 ) शनिवार के चर्चा मंच पर भी है ...अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव दे कर मार्गदर्शन करें ...आभार .
http://charchamanch.uchcharan.com/
श्री सतीश जी !
आपका सुझाव शिरोधार्य ।
आ0 संगीता जी !
चर्चा के लिए आपको धन्यवाद ।
एक सशक्त रचना।
शब्द शब्द में वृहद भाव समाये हुए
सुन्दर रचना!
सच है!
bahut badiya rachana.......
aabhar.
bhut hi badiya rachna.....
... laajawaab rachanaa ... behatreen ... prasanshaneey !!!
aadarniy sir bahuthi shandar tareeke se aapne desh ki sthiti ka sahi sahi mulyankan kiya hai.
सच्चरित्र पस्त हैं ।
दुश्चरित्र जबर्दस्त हैं ।
बुद्धिजीवी व्यस्त हैं ।
राजनेता अभ्यस्त हैं
इधर से उधर ।
वाह रे ! अधर ! !
अधर पर अधर
bahut hi behatreen
poonam
acha wyangy
शानदार और वजनदार. आपको पढ़ना मेरे लिए ख़ुशकिस्मती की बात है।
बहुत खूब! वाह! क्या बात है, बहुत सुन्दर! बेहतरीन!
अरुणेश जी ,
जबरदस्त लिखा है आपने। मज़ा आ गया।
आभार।
kya bat hai . vyngy teekha ho tbhi dgardar hota hai. aapki post is ksauti pr khri utrti hai .
बहुत बढिया....मेरे ब्लॉग तक आने के लिए धन्यवाद् ...हिंदी कभी ठीक से कभी सिखने का मौका नही मिला ...अभी कोशिश कर रही हूँ ..आपलोगों का सहयोग चाहती हूँ
..कविताई मगर बड़ी मस्त है :)
very right u are. greatly done
दमदार अभिव्यक्ति है !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
आपको एवं आपके परिवार को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !
बहुत खूब अरुणेशजी, दमदार लेख ।
you got great sense of humor
i just read and feel the art to understand
makrand
वाह वाह वाह और वाह.
आपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और से एक सुन्दर, सुखमय और समृद्ध नए साल की हार्दिक शुभकामना ! भगवान् से प्रार्थना है कि नया साल आप सबके लिए अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और शान्ति से परिपूर्ण हो !!
bahut hi badhiyaan ,sundar shabd ,nutan barsh mangalmaye ho aapko .
आदरणीय अरुणेश जी
सादर प्रणाम
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें
जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें .....मेरी कविताओ पर टिप्पणी के लिए आपका आभार ...आगे भी इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहिएगा ..!!
अरुणेस जी आपके ब्लॉग पर आकर एक नया अनुभव मिला । सुंदर व्यंग से साक्षात्कार हुआ ।
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